ट्रेनी अफसर बनी मेरे लंड की रानी Treni afser

मेरा नाम जय ठाकुर है, मेरी उम्र 30 साल है और मैं मैरिड हूँ व अपनी मैरिड लाइफ से बहुत खुश हूँ.

अब अपनी जिंदगी में घटी एक घटना के बारे में बता रहा हूँ, जो लगभग 3 वर्ष पुरानी है. मेरा फर्नीचर सॉ-मिल का बिज़नेस है. एक दिन मेरे पास एक कॉल आया, जो फॉरेस्ट आफिस से था.

मैंने कॉल रिसीव किया- हैलो कौन?
उधर से- फॉरेस्ट आफिस से बाबू बोल रहा हूँ, क्या ये जय ठाकुर का नंबर है?
मैं- जी … बोल रहा हूँ, कहिये क्या काम है आपको?
बाबू- आपको अपने पेपर चैक करवाने के लिए एसडीओ सर ने बुलाया है … आप पेपर लेकर आ जाइए.
मैंने कहा- कब आना है?
उसने बोला- कल 11 बजे.
मैंने कहा- ठीक है मैं आ जाऊंगा.

अगले दिन मैं अपने सारे पेपर लेकर फॉरेस्ट आफिस पहुंच गया. उधर पूछा, तो पता चला कि सर अभी आए नहीं हैं. उन्होंने इन्तजार करने को बोला, तो मैं वहीं चेयर पर बैठ गया.

कुछ देर इन्तजार करने के बाद एक लेडी आयी, जिसकी उम्र मुश्किल से 32 के आसपास होगी. वो अपने फोन पर किसी से बात कर रही थी. मुझे लगा कि शायद यही एसडीओ मेम है. उससे पूछने पर पता चला कि वो ट्रेनिंग पर है. मैडम बहुत ही सुंदर थी. या यूं कह लीजिए कि कामदेव की मूरत थी.

इस वक्त ब्लू जींस कुर्ती और हाई हील्स में वो कयामत लग रही थी. उसका फिगर 34-28-36 का रहा होगा. उसको देख कर मेरी तो जैसे सांस ही अटक गयी थी. क्या मस्त तीखे नैन नक्श थे, नागिन से लहराते लंबे बाल.

अब मुझे चैन नहीं था … मैं ज्यादा से ज्यादा उसके बारे में जानने की कोशिश कर रहा था. ऑफिस के कंप्यूटर ऑपरेटर से पूछा, तो पता चला कि उसका नाम नताशा परमार है और वो मैरिड है. मैडम मेरे दिल में उतर गयी थी … पर मैं करता भी क्या … वो एक ट्रेनी ऑफिसर थी.

जैसे-तैसे एसडीओ सर आए, उन्होंने मुझे बुलवाया और मेरे पेपर चैक किए.
उन्होंने मुझे बताया कि मेरे पेपर कायदे से तैयार नहीं हैं … और इन पेपर्स के हिसाब से मेरी सॉ मिल बंद हो सकती है.

उनकी इस बात से मैं थोड़ा डर गया. मैंने कहा- सर पेपर कंप्लीट करने के लिए क्या करना होगा?
तो सर ने बोला- मैडम से मिल लो.
मैंने ओके बोल दिया और बाहर निकल आया.

मैं मैडम के निकलने का इन्तजार करने लगा. जब मैडम बाहर आईं, तो मैंने बात बताई और पूछा- मैडम मुझे क्या करना होगा?
उन्होंने मुझे निहारते हुए बोला- मैं शाम को कॉल करूंगी, अपना नम्बर बाबू जी को नोट करवा दो.

मैंने वैसा ही किया और आफिस से निकल आया. शाम को मेरे पास कॉल आया, जो उन्हीं एसडीओ मैडम का था.
मैंने हैलो बोला- कौन?
उन्होंने बोला- मैं नताशा परमार बोल रही हूं … फॉरेस्ट एसडीओ … आपके पेपर कम्पलीट नहीं है ना!
मैंने बोला- जी … गुड इवनिंग मैडम.

तो उन्होंने गुड इवनिंग बोला और मुझे पेपर लेकर अपने अड्रेस पर बुलाया. मैं उनके बताए एड्रेस पर 20 मिनट में पहुंच गया.

उनके गेस्टहाउस वाले कमरे पर पहुंच कर मैंने बेल बजायी, तो कुछ पल बाद मेरे सामने वही कामदेव की मूरत खड़ी थी. उसे देखकर मैं सब कुछ भूल गया कि मैं कहां हूँ … क्या कर रहा हूँ. मैं तो बस उसे देखे जा रहा था. वो लोअर और टीशर्ट में इस समय और भी अधिक कयामत लग रही थी.

उसने हैलो बोला … तब मेरा ध्यान टूटा. मैंने गुड इवनिंग बोला, तो उसने अन्दर आने को बोला.

मैं अन्दर आकर उसके बताए सोफे पर बैठ गया और उसको सारे पेपर दे दिए.
उसने पेपर चैक किये और बोली- कुछ नहीं … छोटी छोटी गलती है, ठीक हो जाएंगी.
पर मेरा ध्यान पेपर पर काम और उनके फिगर पर ज्यादा था.

मैंने उससे बोला- मुझे उसके लिए क्या करना होगा?
तो उसने बताया कि एसडीओ सर 10000 रुपये मांग रहे हैं.
मैंने बोला- मैडम इतना तो ज्यादा है … कुछ कम करने को बोलो सर को.
इस बार मैडम ने मेरी चोर नजरों को खुद को घूरते हुए पकड़ लिया था, उसने कहा कि चलो 8000 दे देना, पर मेरा छोटा सा काम करना पड़ेगा.
मैंने ओके बोल दिया.

उसने कहा- जय जी, मुझे रेंट पर एक अच्छा सा फ्लैट या घर चाहिए है चूंकि मैं यहां नई हूँ और मैं किसी को जानती भी नहीं हूँ … तो आप मेरा ये छोटा सा काम करेंगे न!
तो मैंने खुशी से बोला- बिल्कुल मैडम हो जाएगा.
मैंने उसको थैंक्स बोला और निकल आया.

फिर 5-6 दिन ऐसे ही निकल गए, पर मैडम का फोन नहीं आया और मैं अपने तरफ से उनको कॉल नहीं कर पा रहा था … कहीं न कहीं थोड़ा डर अब भी मेरे दिल में था, पर नताशा मेम को याद कर करके में कई बार उसके नाम की मुठ मार चुका था. मुझे जैसी लेडी गर्ल्स पसंद हैं, वो बिल्कुल वैसी माल थी … कुल मिलाकर मेरी फ़न्तासी से भरपूर मॉल नताशा.

फिर उसी दिन शाम को मेरे पास फोन आया, जो नताशा मैडम का था.

मैंने ‘हैलो कौन..’ बोला, तो उसने बोला- मैं नताशा … वो फ्लैट के लिए बोला था.
मैंने बोला- गुड इवनिंग मैडम … आपका काम हो गया है. एक बहुत ही शानदार फ्लैट है, आपके आफिस से भी पास पड़ेगा. आप कहें तो दिखवा दूँ.
उसने तुरंत हां बोल दिया और बोला कि अभी दिखवा दो.

मैं उसको लेने उनके आफिस के क्वार्टर पर पहुंच गया. मैं उसको कार में बैठाकर फ्लैट दिखवाने निकल पड़ा.

वो मेरे साथ आगे वाली सीट पर बैठी थी, वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. मैं खुद पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था. ऐसा लग रहा था कि कब उसे अपनी बांहों में जकड़ लूं और पटक कर चोद दूं, पर क्या करता … वो तो एसडीओ मैडम थीं. मैं बस शांत था … कार चलाता रहा, मुझे पता ही नहीं चला कि कब फ्लैट आ गया.

कार पार्क की मैंने और कार का गेट खोल कर मैडम से बोला- प्लीज़ मैडम आइये … दिखाता हूँ.
मैंने उसे फ्लैट दिखाया. उसे बहुत पसंद आया, उसने थैंक्स बोला.
तो मैंने ‘मेंशन नॉट..’ बोला और कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है.

वो बहुत खुश थी. मैं बार बार उसके मम्मों और उसके चूतड़ों को घूर रहा था. इस बार उसने मुझे टोक दिया, बोली- क्या हुआ?
मैंने कहा- कुछ नहीं.
तो उसने बोला- कुछ तो!
मैंने कहा- आप बुरा न माने, तो एक बात कहूँ?
वो बोली- नहीं मानूँगी … बोलो.
मैंने कहा- यू आर लुकिंग गोर्जियस.
तो उसने मुस्कुराते हुए बोला- थैंक्स. जय जी, मुझे आपका फ्लैट बहुत पसंद है … मैं कल ही यहां शिफ्ट हो जाती हूँ.
मैंने कहा- ठीक है.

वो भी मेरी वहशी नजरों को समझ गयी थीं कि मेरे दिल में उनके लिए क्या चल रहा है.

उसने अंगड़ाई लेते हुए कहा- जय मैंने यहां का मार्किट नहीं देखा है … मुझे कुछ शॉपिंग करनी है … और घर के लिए भी कुछ सामान खरीदना है.

मैंने उसके मस्त मम्मों को देखते हुए कहा- आप मेरे साथ चलो, अगर कोई परेशानी न हो मैडम.
तो उसने कहा- सबसे पहले तो डोंट कॉल मी मैडम … ओके! ओनली नताशा ओके … वी आर फ्रेंड्स जय.
आखिर मैंने उनका इतना बड़ा काम जो कर दिया था.
मैंने कहा- ओके नताशा … अब चलो बताओ क्या लेना है.

रास्ते में हम दोनों ने एक दूसरे के बारे में सब पूछ लिया. उसका हस्बैंड विदेश में नौकरी करता है और साल में एक बार ही आता है. मैंने भी उसे अपने बारे में सब बताया. उससे पूछा भी कि आपको और क्या क्या पसंद है.

तो उसने बोला- लांग ड्राइव पर जाना … बाइक से जींस शर्ट, साड़ी बैकलेस ब्लॉउज के साथ हाई हील्स, लेट नाईट पार्टी.
मैंने कहा- वाओ हम दोनों की पसंद तो बहुत मिलती है.

उसको देखकर मेरा लंड पेंट फाड़कर बाहर निकलने को बेताब था और नताशा भी चोर नज़रों से मेरे लंड को देख रही थी, जो शायद उसे भी पसंद आ गया था. उसे पसंद आता भी क्यों न … मेरा 6 इंच लंबा और 3.5 इंच मोटा लंड है … जो अब तक न जाने कितनी चूतों को फाड़ कर उनका पानी निकाल चुका है, पर आज मुझे मेरी फंतासी पूरी होती नज़र आ रही थी. मैं अपने लंड छुपाने की नाकाम कोशिश कर रहा था.

नताशा ने बोला- क्या हुआ … ये क्या है? इतना बड़ा!
शायद उससे भी रहा नहीं जा रहा था. आखिर उसने मेरे लंड को जींस के ऊपर से पकड़ कर सहला दिया और बोली- जय इसे क्यों परेशान कर रहे हो?
मैंने कहा- मैडम आप हो ही इतनी हॉट और सेक्सी कि अगर कोई बूढ़ा भी देख ले … तो उसका लंड खड़ा होकर आपकी चूत को सलामी देगा.

उसने कहा- मुझे भी इसकी जरूरत है. आज हम दोनों एक दूसरे की जरूरत पूरी कर सकते हैं?
मैंने उसके गालों की पप्पी लेते हुए कहा- क्यों नहीं डार्लिंग. मगर हम फुल नाईट पार्टी इंजॉय करेंगे.
वो बोली- ओके.

इतने में हम दोनों मार्किट पहुंच गए. उसने जरूरत का सामान लिया और डिनर पैक करवाया. इसी बीच मैंने उसकी साइज के ब्रा पैंटी के 4 सैट पैक करवा लिए और हाई हील्स के सैंडल्स उसे बिना बताए कार में रख लिए. आज तो दोनों का चुदाई का मूड बन चुका था.

मैंने नताशा से पूछा कि कुछ ड्रिंक लोगी?
वो बोली कि बियर लूंगी.
मैंने व्हिस्की का पूछा, तो उसने हां कर दी.

मैंने चार बियर ले लीं और एक हॉफ ब्लैक डॉग का भी ले लिया. अब हम उसी फ्लैट की तरफ चल दिए.

कार बाजार से बाहर को निकली तो रास्ते में हमारे बीच मस्ती होने लगी. मैंने एक जगह कार रोकी और दो बियर खोल कर एक उसे पकड़ा दी.

बियर के दो घूँट खींच कर मैंने सिगरेट निकाली तो नताशा ने मेरे हाथ से ले ली और बोली- तुम कार चलाओ, मैं जलाती हूँ.
उसने होंठों के बीच सिगरेट दबाई और लाईटर से जला कर कश खींचा और मेरी तरफ बढ़ा दी.

मैंने अपने होंठों में सिगरेट फंसा ली, उधर उसने मेरे लंड को थाम लिया और मेरे लंड से खेलने लगी. मैं भी एक हाथ से उसकी चूत को ऊपर से सहला रहा था. उसने मेरी चैन खोलकर मेरे लंड को आजाद कर दिया जो उछलकर उसके हाथ में आ गया.

मैंने कहा- कैसा लगा डार्लिंग?
उसने मुस्कुरा के कहा- वाओ क्या मस्त लंड है तुम्हारा … इससे तो मेरी चुत फट जाएगी. तुम्हारी वाइफ तो रोज इसके मजे लेती होगी … शी इज लकी हम्मम्मं!

उसने पूरा लंड बाहर निकाला और जीभ से चाट लिया. मेरे मुँह से सिगरेट ले कर खुद खींची और लंड पर धुंआ छोड़ते हुए लंड मुँह में ले लिया.

अब हम दोनों बेकाबू हो रहे थे, ऐसा लग रहा था कि कब एक दूसरे में समा जाएं. हम फ्लैट में पहुंचे, जल्दी से सामान उतारा.

और अब रात हो चुकी थी, तो मैंने नताशा को बाहर ही पकड़ लिया और उसके मुलायम गुलाब जैसे होंठों से अपने होंठ लगा दिया और उसके बूब्स मसल दिए.
वो गर्म सिसकारियां लेने लगी ‘ओह … जय कम ऑन उन्ह..’

मैं उसे उठाकर फ्लैट में ले गया और बेड पर पटक कर उसके ऊपर चढ़ गया. हम दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूम रहे थे. हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए. अब हम दोनों सिर्फ ब्रा पैंटी में और अंडरबियर में रह गए थे. नताशा ने झपट कर मेरा अंडरबियर निकल दिया और मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी. मैंने भी मौका देख कर उसकी ब्रा फाड़ दी और पैंटी भी.

नताशा बोली- जय उतार भी तो सकते थे.
मैंने कहा- अब से तुम वही ब्रा पैंटी पहनोगी, जो मैं पहनाऊंगा समझी … आज से तू मेरी गुलाम है.

मैंने बाल पकड़ कर उसके मुँह में लंड घुसा दिया, जिससे वो चाहकर भी कुछ न बोल सकी. उसने सिर्फ हां में सिर हिलाया. मेरा लंड नताशा के गले तक चला गया था. वो बोल नहीं पा रही थी सिर्फ ‘गों गों..’ कर रही थी.

फिर मैंने एक हाथ उसकी चूत पर लगाया और चुत को भर लिया. दूसरे हाथ से उसके बड़े बड़े मम्मों को बारी बारी से पकड़ कर मसलना चालू कर दिया था. हम दोनों एक दूसरे में खो चुके थे.

नताशा ने लंड को मुँह से बाहर निकाला और राहत की सांस ली. वो बोली- मार डालोगे क्या जय … आराम से चोदो … कहीं भाग थोड़ी रही हूं … फ़क मी लाइक ए व्होर!
मैं- साली तुझे रंडी बनाकर ही चोदूंगा.

मैंने उसे 69 की पोजीशन में आने को बोला. अब मेरा मोटा लंड उसके मुँह के पास था और उसकी क्लीन शेव गीली चूत मेरे मुँह के पास थी.

मैं- ओह नताशा तुम तो मस्त लंड चूसती हो यार … ओह … आह यस पूरा अन्दर ले साली कुतिया!
‘उन्ह … हां ले रही हूं न मेरे राजा … लंड बहुत बड़ा है मेरे राजा … उन्ह तेरा लंड टेस्टी है … आंह आज इसे चूस चूस कर निचोड़ दूँगी ललप्पपप्प … लप्प..’

मैं उसकी चूत में जीभ अन्दर तक डालकर चूस रहा था, जिससे नताशा को बहुत ही मज़ा आ रहा था.

नताशा- जय आज तक मेरे पति ने कभी ऐसी चूत नहीं चाटी, जैसे तुम चाट रहे हो.
मैं कहा- देखती जाओ … आह यू आर सो टेस्टी नताशा जान.

कुछ मिनट बाद नताशा अकड़ने लगी. वो बोली- आंह जय … मेरा होने वाला …
मैं- हे … रुक साली … मैं तेरा पूरा माल पियूंगा … एक बूंद भी बाहर मत गिराना साली रांड!

मैंने उसकी चुत का सारा माल पी लिया और चाट चाट कर उसकी चूत साफ कर दी.

नताशा झड़ चुकी थी अब उसका नम्बर मेरे लंड का रस पीने का था. मैंने कुछ सोच रखा था

अब नताशा की बारी थी, मैंने सोच लिया था कि उसको अपने माल के साथ मूत भी पिलाऊंगा और साली को नहलाऊंगा भी. नताशा घुटनों पर बैठ कर मेरा लंड चूस रही थी. पूरा लंड जड़ तक अन्दर ले रही थी और बॉल्स को सहला रही थी.

अब मेरा भी होने वाला था. मैंने बोला- नताशा मेरा निकलने वाला है, नीचे मत गिरने देना मेरी जान … मुँह में ही लेना.

मैं उसके बाल पकड़ कर उसे मुँह को जोर जोर से चोद रहा था ‘ओहह ये … हम्मम … हम्म … नताशा ले साली..’
मैंने उसके मुँह में अपना गर्म गरम माल भर दिया, जिसे नताशा चटकारे ले कर पी गयी.

कुछ मिनट शांत रहने के बाद मैंने बोला- मुझे पेशाब आई है.
नताशा बोली- कर लो.
मैंने कहा- कहां?
वो- जहां करना हो मेरे राजा.
मैंने कहा- तुम्हारे ऊपर करना है.

पहले तो उसे अजूबा सा लगा, पर बाद में बोली- ठीक है कर लो.
मैंने कहा- तुम नीचे बैठो.

वो नंगी रांड नीचे फर्श पर बैठ गई और मैं उसके सर के ऊपर से पेशाब करने लगा. उसने सबसे पहले अपने दूध मेरी गरमागरम पेशाब से नहलाए. फिर अपने पेट पर से धार नीचे लेते हुए अपनी चूत को धोया.

नताशा को ये सब बहुत अच्छा लगा. वो बोली- वाओ यार जय … मज़ा आ गया अभी तक तुम कहां थे … आज पहली बार मुझे सेक्स में इतना मज़ा आ रहा है. आई लव यू जय.
उसकी चूत खिल उठी थी.

अब मैंने उससे कहा कि तुम खड़े हो कर मेरे लंड पर मूतो … और मेरे लंड को नहलाओ.

उसने भी मेरे ऊपर खड़े होकर वैसा ही किया. उसे इस सब में बहुत मज़ा आया.
मैंने कहा- नताशा बियर से ज्यादा तो तुम्हारी चूत का नशा है.

इस पर वो खिलखिला कर हंस पड़ी और बोली- जय ये बताओ इस मूसल जैसे लंड से तुमने कितनी चूतों को फाड़ा है.
मैंने कहा- जितनी मिलीं … सबको चोदा है.
वो- मुझे भी मस्त चोदना.
मैं- ओके … यार नताशा अब तो भूख लग रही है … चलो कुछ खाते हैं … साथ में बियर और दारू भी पीते हैं.

वो उठकर बियर और स्नैक्स लेने जाने लगी, तो मैं उसकी उछलती गांड और मम्मों को देख रहा था.

जब तक वो बियर लायी, तब तक मैं जल्दी से ब्रा पैंटी और हाई हील्स और साथ में स्टॉकिंग ले आया, जो आते समय मैंने उसे बिना बताए कार में और फिर अन्दर रख लिए थे.

जब वो बियर लेकर आई, तो मैंने उसे कहा- ये यहां रखो और अपनी आंखें बंद करो … तुम्हारे लिए एक गिफ्ट है.
उसने तुरंत आंखें बंद की और बोली- जल्दी दिखाओ जय.

मैंने सारा सामान बेड पर रख दिया. हर चीज के 4 सैट थे. मैंने कहा- नताशा अब देखो.
वो देखकर बोली- ओह माई गॉड ये सब तुम कब लाये … और कहां से … रियली आई लाइक टू मच … आई लव इट यार … मेरे राजा यार तुम्हें मेरी पसंद इतने अच्छे से कैसे पता चली?
मैं- मैं तुम्हें फर्स्ट टाइम देखकर ही समझ गया था कि तुम्हें क्या पसंद है मेरी जान … चलो अब जल्दी से पहन कर दिखाओ, तुम पर कैसे लगते हैं?
नताशा इठला कर बोली- जब लाए हो, तो पहना भी दो न.
मैंने कहा- ठीक है.

मैंने उसे जल्दी से ब्रा पैंटी स्टॉकिंग और 4 इंच की हील्स पहना दिए. उनकी साइज भी उसे एकदम मस्त आयी थी.

उसे देखकर मैंने कहा- वाओ यार … लुक लाइक ए पोर्न स्टार वन्ना … फ़क यू लाइक ए व्होर … हां चोद लेना … जैसे चोदना हो … अब जल्दी से आओ और मेरी चूत को अपने माल से भर दो … इसने बहुत दिन से लंड नहीं खाया है.

वो अपनी चूत को पैंटी के ऊपर से सहला कर बोली. इस पर मैंने उसे जोर से पकड़ कर उसके दोनों मम्मों को मसल दिए … जिससे वो चीख पड़ी. वो बोली- आंह लगती है … मार डालोगे क्या … जय दर्द होता है.
मैंने कहा- नताशा डार्लिंग … जब तक दर्द न हो, तब तक चुदाई का मजा नहीं आता.

अब मैं उसके होंठों को चूस रहा था और एक हाथ से उसके निप्पल को मसल रहा था. एक हाथ से उसकी चुत को लगातार रगड़ रहा था. हम दोनों एक दूसरे में समा जाना चाहते थे.

मैंने कहा- नताशा बियर खोलो यार … नशा होगा, तो चुदाई का मज़ा डबल हो जाएगा. उसने जल्दी से बियर के साथ व्हिस्की ग्लास में डाली और मुझे दे दी. मैंने ग्लास उसकी तरफ किया, तो उसने एक घूँट पिया और मेरे होंठों से अपने होंठ जोड़ दिए. अपने मुँह में भरा हुआ घूँट मेरे मुँह में डाल दिया, जिसे मैं पी गया.

ऐसा करते हुए हम दोनों ने दो बड़े बड़े पैग खींचे और मस्ती करने लगे. उसने मेरे लंड पर दारू डाली और लंड चूसा. मैंने उसकीं चूचियों पर व्हिस्की डाली और चूचियों के निप्पल से ही दारु की धार का मजा लिया. वो भी बड़े मजे से अपने दूध को मेरे होंठों में दबाए हुए ऊपर से बूंद बूंद दारू टपकाते हुए मुझे मजे से पिला रही थी.

अब नशा मस्ती को दस गुना कर रहा था. मैंने उसे बेड पर पटक दिया और मैं नीचे ही घुटनों के बल बैठ गया. उसकी चूत मेरी नज़रों के सामने थी. मैंने झट से पैंटी हटाई और बियर उसकी चूत पर डालने लगा. मैंने नीचे अपना मुँह कर लिया. बियर उसकी चूत से होती हुई मेरे मुँह में जा रही थी. उसे बहुत मजा आ रहा था.

वो बोली- जय आज तक मुझे सेक्स में इतना मज़ा कभी नहीं आया, जो तुम्हारे साथ आ रहा है. आई लव यू जय … जय मुझे हाई हील्स बहुत अच्छे लगे. तुम्हारी वाइफ बहुत लकी है, जो उसे तुम्हारे जैसा पति मिला … मुझे उसकी किस्मत पर जलन हो रही है. मेरा पति तो कभी मेरे लिए कुछ लाता ही नहीं है और न ही ठीक से चोदता है. जय अब रहा नहीं जा रहा है … जल्दी से अपना लंड चूत में डाल दो और फाड़ दो अपने मोटे लंड से … मेरी चुत बहुत मरी जा रही है लंड के लिए.

मुझसे भी अब रहा नहीं जा रहा था, तो मैंने जल्दी से उसे बेड पर लिटाया और उसकी जांघों के बीच में बैठकर उसके दोनों पैर उठाकर अपने कंधों पर रखे और लंड को चूत पर सैट किया और अन्दर डालने लगा. पर चूत ज्यादा टाइट होने की वजह से अन्दर नहीं जा रहा था. मैंने ढेर सारा थूक उसकी चूत पर लगाया और अपने लंड पर … फिर जोर से झटका मारा, तो इस बार मेरा टोपा उसकी चूत को फाड़ कर घुस गया.

नताशा चीख पड़ी. मैंने जल्दी से उसके मुँह पर हाथ रखा और उसके पैरों को नीचे करके उसके चेहरे की तरफ देखा, तो उसकी आंखों में आंसू छलक आये थे.

मैंने इस पर ध्यान न देते हुए एक और जोरदार झटका मारा, जिससे मेरा लंड आधे से ज्यादा उसकी चुत को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया. मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों रख दिये और कुछ देर के लिए शांत होना ठीक समझा. नताशा दर्द के कारण रोने लगी थी. वो कराह रही थी कि छोड़ दो … मुझे नहीं चुदना है तुमसे … बाहर निकालो अपना लंड ओह बहुत दर्द हो रहा है … प्लीज बाहर निकालो जय …

मैंने उसके निप्पलों को सहलाना शुरू किया, तो उसे थोड़ा अच्छा लगा और वो शांत हो गयी. वो अपनी उंगलियों से मेरे बालों को सहलाने लगी.

मैंने मौका देखकर पूरी ताकत से एक और झटका मारा, तो मेरा लंड नताशा की चूत को चीरता हुआ उसकी जड़ तक समा गया. इस बार मैंने उसे जोर से जकड़ लिया था, जिससे वो हिल भी नहीं पा रही थी.

पर वो रट हुए बोल रही थी कि जय प्लीज लंड बाहर निकालो … बहुत दर्द हो रहा है.

मैंने उसके होंठों चूसने शुरू किए और उसके निप्पलों को मसलना जारी रखा.

उसे थोड़ा अच्छा लगा, तो मैं कुछ मिनट ऐसे ही करता रहा. अब उसका दर्द लगभग खत्म सा हो गया था.

मैंने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करना शुरू किया, तो उसे और अच्छा लगा.

अब नताशा भी मेरा साथ देने लगी और नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर चुदाई का मज़ा लेने लगी- ओहह यस … ओह यस फ़क मी हार्ड जय फ़क मी हार्ड लाइक आ व्होर!

नताशा पूरे मज़े से चुद रही थी और मैं जोर जोर से उसे चोदे जा रहा था. पूरा माहौल सिसकारियों और नशे से रंगीन हो गया था.

मैं- साली रांड कहां थी अब तक तू … तुम जैसी रांड को चोदना तो मेरी फ़न्तासी थी … जो आज तुझे चोद कर पूरी हो गयी … साली आज से तू मेरी गुलाम है.
नताशा- हां जय … मैं आज से तुम्हारी गुलाम हूँ … दासी हूँ तुम्हारी … और जोर से चोदो मेरे राजा … आज मैं जी भर कर तुमसे चुदना चाहती हूं … फाड़ डालो मेरी चूत को अपने लंड से … इसका भोसड़ा बना दो डार्लिंग … आई लव यू राजा ओह यस अपना सारा माल चुत में ही डालना जय ओहह यस..

अब नताशा मुझे जोश की वजह से मेरी पीठ को अपने नाखूनों से नोंच रही थी और मेरे बाल खींच रही थी. मैं समझ गया कि नताशा का होने वाला है.

मैंने पूछा- कैसा लग रहा है!

तो उसने बोला कुछ नहीं और मेरे होंठों को अपने होंठों के बीच जोर से जकड़ लिया और चूसने लगी. थोड़ी देर में उसने ढेर सारा सफेद गाढ़ा माल छोड़ दिया, जो मेरे बॉल्स और उसकी जांघों से होते हुए बेड शीट को गीला कर रहा था … पर मैं तो जोर जोर से चोदे जा रहा था. क्योंकि मुझे अभी टाइम था.

नताशा मुझसे जोर से लिपट गयी और बोली- जय अब डॉगी स्टाइल में करो ना!
मैंने कहा- ठीक है.

मैं बेड से उतर गया, तो नताशा भी जल्दी से उतर कर बेड पर हाथ रखकर डॉगी बन गयी. मैंने पीछे से लंड सैट किया और एक झटके में पूरा लंड उसकी बच्चेदानी तक ठोक दिया.

वो चिहुंक उठी, बोली- आउच … मर गई … साले पूरे जंगली हो … थोड़ा रहम किया करो औरत पर!
मैंने कहा- चुदाई में कोई रहम नहीं करता.

मैंने उसका एक बूब पकड़ा और दूसरे हाथ से उसके बाल पकड़ कर जोर जोर से चोदने लगा. उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
नताशा बोली- जय मैं हमेशा तुमसे ऐसे ही चुदना चाहती हूं … चोदोगे न अपनी इस रखैल को?
मैं- हां जरूर साली कुतिया!

कोई 5-7 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद मेरा निकलने वाला था, तो मैंने बोला- कहां निकलवाना है?
तो नताशा ने बोला- अन्दर ही निकलना जय. … एक बूंद भी गिरने मत देना.

मैंने हां बोला और 2-3 झटकों के बाद मैंने ढेर सारा माल उसकी चूत में भर दिया. साथ ही जोर से उसके मम्मों को मुट्ठी में भरकर उसके ऊपर ही निढाल हो कर गिर गया.

कमरे का तूफान अब शांत हो गया था. हम दोनों हांफ रहे थे.
मैंने कहा- नताशा मज़ा आया न!
वो बोली- जय आज तक कभी चुदाई में इतना मज़ा नहीं आया, जितना आज आया है. आई लव यू सो मच डार्लिंग लव यू टू डार्लिंग.

दस मिनट बाद उठ कर हम दोनों ने खाना खाया और पूरी रात चुदाई की. अब नताशा और मेरा रोज का मिलना हो गया था. हम दोनों को एक दूसरे की आदत जो हो गयी थी. उसे मेरे दिए उपहार भी बहुत पसन्द आये थे.
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