मेरा नाम रतन है मैं इंदौर का रहने वाला हूं मुझे इंदौर में रहते हुए करीब 15 वर्ष हो चुके हैं मैं अब इंदौर में ही नौकरी करता हूं। करीब 15 वर्षों पहले जब मेरे पिताजी इंदौर में आए थे तो मुझे पहले कुछ दिन तो थोड़ा अजीब सा महसूस हुआ क्योंकि यहां पर मेरा कोई भी दोस्त नहीं था मुझे अपने गांव की याद हमेशा सताती रहती थी और अपने गांव के बचपन के दिन याद आते मैं अपने दोस्तों को बहुत ज्यादा याद किया करता था लेकिन समय के साथ-साथ मेरे दोस्त भी अब इंदौर में बनने लगे थे और मेरी दोस्ती काफी लोगों से हो गई थी जिसके चलते मैं इंदौर में ही नौकरी करने लगा और मैं काफी सालों से अपने गांव भी नहीं गया था क्योंकि पहले तो मैं अपने स्कूल की पढ़ाई कर रहा था उसके बाद मैं कॉलेज में चला गया और मुझे अपने लिए बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाया उसके कुछ ही सालों बाद मैंने नौकरी भी ज्वाइन कर ली लेकिन अब भी मैं जब अपने गांव के दोस्तों से फोन पर बात करता हूं तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होता है और मुझे लगता है कि मुझे उन्हें मिलना चाहिए लेकिन मैं कई वर्षों तक उन्हें मिल हीं नही पाया परंतु मैं जिस वक्त यह सोच रहा था उसी वक्त मेरे दोस्त कमल की शादी का कार्ड मुझे आया, कमल मेरा बचपन का दोस्त है।
हम लोग गांव में बहुत मस्ती किया करते थे हम लोगों ने साथ में बहुत समय बिताया, मुझे मालूम पड़ा कि कमल की शादी है तो मैं उसकी शादी में जाने के लिए उत्सुक हो गया और मैंने गांव जाने का पूरा प्लान बना लिया मैं जब गांव में जाने की तैयारी करने लगा तो इस बात से मेरे माता-पिता भी बहुत ज्यादा खुश थे कि मैं इतने वर्षों बाद गांव जा रहा हूं, मेरे पापा मुझे कहने लगे बेटा मेरी तो तबीयत ठीक नहीं है इसलिए मैं तुम्हारे साथ नहीं आ सकता नहीं तो मैं जरूर तुम्हारे साथ आता हम लोग साथ में गांव जाते तो ज्यादा अच्छा होता लेकिन तुम मुझे गांव में सब के बारे में जरूर बताना, मैंने अपने पापा से कहा जी पापा क्यों नहीं मैं भी तो इतने वर्षों बाद जा रहा हूं मुझे तो यह भी उम्मीद नहीं है कि क्या मुझे वहां पर कोई पहचानेगा भी लेकिन मैं जाने की पूरी तैयारी कर चुका था और मैं जैसे ही अपने गांव में पहुंचा तो मैं सबसे पहले अपने पुराने घर में गया वहां पर मेरे चाचा चाची रहते हैं वह लोग घर पर ही थे।
मेरे चाचा मुझे देखते ही कहने लगे अरे रतन बेटा तुम कब आए, मैंने उन्हें कहा मैं बस अभी पहुंच रहा हूं वह मुझे कहने लगे तुम्हारे माता-पिता कैसे हैं मैंने उन्हें कहा वह ठीक हैं आप सुनाइए आपका स्वास्थ्य कैसा है मैंने सुना है कि आप की तबीयत ठीक नहीं रहती चाचा मुझे कहने लगे बेटा अब उम्र का तकाजा हो चुका है इसलिए तबीयत खराब रहती है, जब मेरी चाची आई तो चाची कहने लगी अरे बेटा तुम कब पहुंचे, मैंने उन्हें कहा बस चाची अभी पहुंचा हूं। चाचा ने चाची से कहा कि मेरे लिए तुम अंदर से हुक्का ले आना चाची हुक्का लेने गई और चाचा और मैं साथ में बात करते रहे, चाची मुझे कहने लगी क्या तुमने कुछ खाया तुम्हें भूख लग रही होगी, मैंने उन्हें कहा नहीं चाची रहने दीजिए उसके बाद मैं वहां से अपने दोस्त कमल के पास चला गया उसकी शादी में अभी कुछ दिन बचे हुए थे इसलिए उसके घर में ज्यादा रौनक नहीं थी। मैं जब कमल के घर पहुंचा तो कमल मुझे देखते ही खुश हो गया इतने बरसों बाद मैं उससे मिल रहा था तो उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था और उसने मुझे मिलते ही गले लगा लिया वह कहने लगा रतन तुम तो हमें भूल ही गए मैंने उसे कहा नहीं दोस्त ऐसी बात नहीं है मैं इतने सालों से गांव भी तो नहीं आया हूं और अब गांव भी पूरी तरीके से बदल चुका है, गांव की स्थिति पूरी तरीके से बदल चुकी है कमल कहने लगा हां अब सब कुछ बदल चुका है। मैंने कमल से पूछा तुम्हारा काम कैसा चल रहा है तो वह कहने लगा मेरा काम भी अच्छा चल रहा है और मैं बहुत ज्यादा खुश हूं मैंने कमल से कहा यार तुम तो बहुत ही खुशनसीब हो जो गांव में रहकर ही काम कर रहे हो मुझे तो गांव की बड़ी याद आती है, शहर में वह बात नहीं है शहर में तो सब लोग बस अपनी ही जिंदगी में बिजी हैं कमल कहने लगा गांव में कम से कम इस चीज का सुकून है कि सब लोग एक दूसरे के दुख में आ जाते हैं, मैंने कमल से पूछा तुम्हारी शादी की तैयारियां हो चुकी है तो कमल कहने लगा हां यार शादी की तैयारियां तो हो चुकी है बस अब थोड़ा बहुत ही कुछ काम बचा हुआ है।
कमल और मैं साथ में बैठ कर बात कर रहे थे तब तक उसकी भी चाची चली आई मैंने उन्हें पहचाना नहीं वह मुझे कहने लगे कि कमल यह कौन है उन्होंने भी शायद मुझे पहचाना नहीं था कमल ने मुझे कहा चाची यह मेरे बचपन का दोस्त है और मेरी शादी के लिए ही गांव में आया है, जब कमल ने उन्हें यह बात बताई तो वह मुझे कहने लगी बेटा मेरा नाम बबीता है वैसे तो रिश्ते में मैं तुमसे बड़ी हूं लेकिन मेरी उम्र तुम लोगों से ज्यादा बड़ी नहीं है उनकी उम्र मुझसे करीब सात आठ वर्ष बड़ी रही होगी वह बात करने में बड़ी ही फ्रेंडली और अच्छी थी उनसे बात कर के मुझे बहुत अच्छा लगा और जब मैंने उन्हें बताया कि मैं इंदौर में रहता हूं तो वह मुझे कहने लगी मैं भी कुछ वर्ष इंदौर में रही थी वहां पर मेरे पापा रहा करते थे और उन्हीं के साथ मैं रहती थी। जब वह चली गई तो मैंने कमल से पूछा यह तुम्हारे चाचा की पत्नी है क्या? वह कहने लगा हां यह मेरी चाची हैं मैंने कमल से कहा लेकिन इनकी उम्र तो बहुत कम है और यह तो बिल्कुल भी नहीं लगती, कमल कहने लगा तुम्हें तो पता ही है कि मेरे चाचा की उम्र भी कम ही है, चाचा मेरे पापा से कितने छोटे हैं चाचा और मेरे बीच में तो बहुत अच्छी दोस्ती भी है।
अब इस बात से हम लोग बहुत ही ज्यादा खुश थे कि इतने वर्षों बाद हम लोग साथ में मिल रहे हैं और साथ में ही इंजॉय करने वाले हैं जब शाम के समय पूरा माहौल मदमस्त हो चुका था तो मैं और कमल साथ में थे कमल मुझे कहने लगा तो फिर आप तो पीते होंगे, मैंने उसे कहा हां मैं शराब पीता हूं, वह मुझे कहने लगा यार तुम्हारे लिए तो महंगी वाली मंगवानी पड़ेगी मैंने उसे कहा अरे दोस्त ऐसा कुछ नहीं है हम तो सभी लेते हैं ऐसी कोई तकलीफ वाली बात नहीं है तुम बस शराब मंगवा दो और जब वह शराब ले आया तो मुझे बहुत अच्छा लगा हम दोनों ने साथ में बैठकर उस रात काफी देर तक शराब पीते रहे, जब मुझे नशा हो गया तो मैंने कमल से कहा मैं अब चलता हूं कमल कहने लगा ठीक है मैं भी सो जाता हूं मुझे भी बहुत नींद आ रही है। कमल मुझे छोड़ने के लिए आया रास्ते में हम दोनों ने काफी बातें भी की कमल ने मुझे अपने इस बीच में घटी घटना के बारे में बताया कमल कहने लगा यार मेरा तो दिवालिया ही निकल गया था लेकिन वोह तो मेरे पिताजी ने मेरा साथ दिया उसके बाद मैंने अपने काम को दोबारा से संभाला जिससे कि मुझे बहुत मदद मिली और दोबारा से मैं अपने काम को अच्छे से शुरू कर पाया अब मेरी शादी होने वाली है और शादी कर के मैं भी अब अपने आगे के जीवन को गांव में ही बिताना चाहता हूं। उसके बाद मैं घर चला आया और कमल भी चला गया, मैं जब अगले दिन कमल से मिला तो उसकी चाची भी साथ में बैठी हुई थी लेकिन उसकी चाची की नजरे मुझ पर कुछ ज्यादा ही पड़ रही थी। उसकी चाची मुझे ऐसे देखती जैसे कि वह मुझे कच्चा ही खा जाएगी, मैंने उनके कान में जाते हुए कहा चाची जी आप मुझे ऐसे क्या देख रहे हैं। उनके मुंह से लार टपक पड़ी वह कहने लगी बस मैं तुम्हें क्या बताऊं उन्होंने जब यह बात कही तो मैं समझ गया कि अब हम दोनों के मिलने का समय आ चुका है।
मैंने उन्हे कहा आप मुझसे मिलने घर पर आ जाइए, वह भी चुपके से मुझसे मिलने आ गई वह सिर्फ सेक्स करने के मकसद से ही आई थी इसलिए वह अपने होठों पर लाल लिपस्टिक लगा कर आई थी, जब वह घर पर आई तो वह मुझे कहने लगी अच्छा तो यही तुम्हारा घर है। मैंने उन्हें कहा हां यही मेरा घर है अब आगे क्या था हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़ों को खोलना शुरू किया, जब मैंने उनके गोरे बदन को महसूस करना शुरू कर दिया तो वह मुझे कहने लगी तुम जरा मुझे अपना लंड तो दिखाओ। मैंने उनको अपना लंड दिखाया, मैंने जब अपने लंड को दिखाया तो वह कहने लगी तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और अच्छे से हिलाने लगी। वह मेरे लंड को बड़े ही जोरदार तरीके से हिलाती मुझे बहुत मजा आता जब वह मेरे लंड को हिलाकर अपने मुंह में लेने लगी तो मेरा जोश और भी दोगुना होने लगा मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया, मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया।
उनकी चूत मारने में मुझे ऐसा लगता है जैसे कि कोई गद्दा उनकी बड़ी चूतडो मे लगा हो, मैंने उनकी गांड को अपने हाथ से पकडा हुआ था और उनकी बड़ी चूतडो से मेरा लंड टकराकर धराशाई हो जाता। मैं बड़ी तेजी से उन्हे चोद रहा था मैंने उन्हें इतनी तेजी से धक्के मारे कि उनकी चूत से खून निकलने लगा। वह मुझे कहने लगी मेरे पति ने तो मुझे ना जाने कितनी बार चोदा है लेकिन उसके बावजूद भी तुमने मेरी चूत से खून निकाल दिया इसका मतलब तुम एक नंबर के चोदू हो तुम्हारे लंड में बड़ा ही दम है। जब उन्होंने मुझे यह बात कही तो मेरी छाती चौड़ी हो गई, मैंने उन्हें बड़ी तेज गति से धक्के मारने शुरू कर दिए मेरे धक्के इतनी तेज होती की उनके मुंह से तेज आवाज निकल जाती और वह कहती तुम तो वाकई में कमाल के हो तुम्हारे साथ सेक्स करना मेरे लिए अच्छा रहा। उसके बाद वह अपने घर चली गई लेकिन उन्हें चोदकर मुझे बड़ा मजा आया।
हम लोग गांव में बहुत मस्ती किया करते थे हम लोगों ने साथ में बहुत समय बिताया, मुझे मालूम पड़ा कि कमल की शादी है तो मैं उसकी शादी में जाने के लिए उत्सुक हो गया और मैंने गांव जाने का पूरा प्लान बना लिया मैं जब गांव में जाने की तैयारी करने लगा तो इस बात से मेरे माता-पिता भी बहुत ज्यादा खुश थे कि मैं इतने वर्षों बाद गांव जा रहा हूं, मेरे पापा मुझे कहने लगे बेटा मेरी तो तबीयत ठीक नहीं है इसलिए मैं तुम्हारे साथ नहीं आ सकता नहीं तो मैं जरूर तुम्हारे साथ आता हम लोग साथ में गांव जाते तो ज्यादा अच्छा होता लेकिन तुम मुझे गांव में सब के बारे में जरूर बताना, मैंने अपने पापा से कहा जी पापा क्यों नहीं मैं भी तो इतने वर्षों बाद जा रहा हूं मुझे तो यह भी उम्मीद नहीं है कि क्या मुझे वहां पर कोई पहचानेगा भी लेकिन मैं जाने की पूरी तैयारी कर चुका था और मैं जैसे ही अपने गांव में पहुंचा तो मैं सबसे पहले अपने पुराने घर में गया वहां पर मेरे चाचा चाची रहते हैं वह लोग घर पर ही थे।
मेरे चाचा मुझे देखते ही कहने लगे अरे रतन बेटा तुम कब आए, मैंने उन्हें कहा मैं बस अभी पहुंच रहा हूं वह मुझे कहने लगे तुम्हारे माता-पिता कैसे हैं मैंने उन्हें कहा वह ठीक हैं आप सुनाइए आपका स्वास्थ्य कैसा है मैंने सुना है कि आप की तबीयत ठीक नहीं रहती चाचा मुझे कहने लगे बेटा अब उम्र का तकाजा हो चुका है इसलिए तबीयत खराब रहती है, जब मेरी चाची आई तो चाची कहने लगी अरे बेटा तुम कब पहुंचे, मैंने उन्हें कहा बस चाची अभी पहुंचा हूं। चाचा ने चाची से कहा कि मेरे लिए तुम अंदर से हुक्का ले आना चाची हुक्का लेने गई और चाचा और मैं साथ में बात करते रहे, चाची मुझे कहने लगी क्या तुमने कुछ खाया तुम्हें भूख लग रही होगी, मैंने उन्हें कहा नहीं चाची रहने दीजिए उसके बाद मैं वहां से अपने दोस्त कमल के पास चला गया उसकी शादी में अभी कुछ दिन बचे हुए थे इसलिए उसके घर में ज्यादा रौनक नहीं थी। मैं जब कमल के घर पहुंचा तो कमल मुझे देखते ही खुश हो गया इतने बरसों बाद मैं उससे मिल रहा था तो उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था और उसने मुझे मिलते ही गले लगा लिया वह कहने लगा रतन तुम तो हमें भूल ही गए मैंने उसे कहा नहीं दोस्त ऐसी बात नहीं है मैं इतने सालों से गांव भी तो नहीं आया हूं और अब गांव भी पूरी तरीके से बदल चुका है, गांव की स्थिति पूरी तरीके से बदल चुकी है कमल कहने लगा हां अब सब कुछ बदल चुका है। मैंने कमल से पूछा तुम्हारा काम कैसा चल रहा है तो वह कहने लगा मेरा काम भी अच्छा चल रहा है और मैं बहुत ज्यादा खुश हूं मैंने कमल से कहा यार तुम तो बहुत ही खुशनसीब हो जो गांव में रहकर ही काम कर रहे हो मुझे तो गांव की बड़ी याद आती है, शहर में वह बात नहीं है शहर में तो सब लोग बस अपनी ही जिंदगी में बिजी हैं कमल कहने लगा गांव में कम से कम इस चीज का सुकून है कि सब लोग एक दूसरे के दुख में आ जाते हैं, मैंने कमल से पूछा तुम्हारी शादी की तैयारियां हो चुकी है तो कमल कहने लगा हां यार शादी की तैयारियां तो हो चुकी है बस अब थोड़ा बहुत ही कुछ काम बचा हुआ है।
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अब इस बात से हम लोग बहुत ही ज्यादा खुश थे कि इतने वर्षों बाद हम लोग साथ में मिल रहे हैं और साथ में ही इंजॉय करने वाले हैं जब शाम के समय पूरा माहौल मदमस्त हो चुका था तो मैं और कमल साथ में थे कमल मुझे कहने लगा तो फिर आप तो पीते होंगे, मैंने उसे कहा हां मैं शराब पीता हूं, वह मुझे कहने लगा यार तुम्हारे लिए तो महंगी वाली मंगवानी पड़ेगी मैंने उसे कहा अरे दोस्त ऐसा कुछ नहीं है हम तो सभी लेते हैं ऐसी कोई तकलीफ वाली बात नहीं है तुम बस शराब मंगवा दो और जब वह शराब ले आया तो मुझे बहुत अच्छा लगा हम दोनों ने साथ में बैठकर उस रात काफी देर तक शराब पीते रहे, जब मुझे नशा हो गया तो मैंने कमल से कहा मैं अब चलता हूं कमल कहने लगा ठीक है मैं भी सो जाता हूं मुझे भी बहुत नींद आ रही है। कमल मुझे छोड़ने के लिए आया रास्ते में हम दोनों ने काफी बातें भी की कमल ने मुझे अपने इस बीच में घटी घटना के बारे में बताया कमल कहने लगा यार मेरा तो दिवालिया ही निकल गया था लेकिन वोह तो मेरे पिताजी ने मेरा साथ दिया उसके बाद मैंने अपने काम को दोबारा से संभाला जिससे कि मुझे बहुत मदद मिली और दोबारा से मैं अपने काम को अच्छे से शुरू कर पाया अब मेरी शादी होने वाली है और शादी कर के मैं भी अब अपने आगे के जीवन को गांव में ही बिताना चाहता हूं। उसके बाद मैं घर चला आया और कमल भी चला गया, मैं जब अगले दिन कमल से मिला तो उसकी चाची भी साथ में बैठी हुई थी लेकिन उसकी चाची की नजरे मुझ पर कुछ ज्यादा ही पड़ रही थी। उसकी चाची मुझे ऐसे देखती जैसे कि वह मुझे कच्चा ही खा जाएगी, मैंने उनके कान में जाते हुए कहा चाची जी आप मुझे ऐसे क्या देख रहे हैं। उनके मुंह से लार टपक पड़ी वह कहने लगी बस मैं तुम्हें क्या बताऊं उन्होंने जब यह बात कही तो मैं समझ गया कि अब हम दोनों के मिलने का समय आ चुका है।
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