सहेली के बॉयफ्रेंड से चुदवाकर वासना मिटाई Saheli ka Boyfriend

मेरा नाम प्रियंका है. मेरी उम्र 24 साल है. मेरा फिगर 32 30 32 है.

बात उस समय की है जब मैंने अपने ग्रेजुएशन के फर्स्ट ईयर में एड्मिशन लिया। मेरी दोस्ती बाहर से पढ़ने आई एक लड़की से हुई जिसका नाम सोना था. वो बहुत ही हँसमुख लड़की थी. कुछ ही दिनों में मेरी उससे बहुत अच्छी दोस्ती हो गई. हमारा 3 लड़कियों का ग्रुप था जिसमें हमारी एक और दोस्त अल्पना थी।

क्लासेज शुरू ही हुई थी कि कुछ दिनों बाद मेरी क्लास में एक स्मार्ट लड़का आया जिसका नाम सनी था. वह बहुत ही सीरियस नेचर का लड़का था जिससे मुझे पहली ही बार में प्यार हो गया. लेकिन मैं लड़की थी तो कैसे अपने दिल की बात कह सकती थी उसे जिसे मैं जानती भी नहीं थी।

मेरी फ्रेंड सोना से मैंने बोला- यह लड़का कौन है, इसके बारे में कैसे पता चलेगा?
तो उसने बोला- लड़का तो मस्त है. क्यों तुझे पसंद है क्या?
तो मैंने बोल दिया- नहीं यार … बस ऐसे ही!

कुछ दिनों बाद कॉलेज में चुनाव होने थे जिसमें प्रत्येक क्लास से एक CR चुना जाना था. जिसमें हमारी क्लास से सनी ने अपने लिए पर्चा भरा चुनाव में वोट के लिए.
पहली बार उससे मेरी बात तब हुई जब उसने हमसे वोट के लिए कहा. उस समय हम तीनों सहेलियां साथ थी.

चुनाव वाले दिन हमने उसे बेस्ट ऑफ लक बोला.
मेरी सहेली सोना उसे बोली- आप ही चुनाव जीतोगे.
जिस पर उसने धन्यवाद बोला. साथ ही उसने मेरी सहेली की तरफ हाथ आगे किया.
मेरी फ्रेंड सोना ने उससे हाथ मिलाया. मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं हाथ मिलाऊँ. लेकिन उस टाइम मुझे मेरी सहेली से बहुत ईर्ष्या हुई कि इसने उसे क्यों टच किया।

खैर इसी तरह चुनाव सनी जीत गया क्योंकि उसकी राजनीति में बहुत रुचि थी. साथ ही बहुत अच्छा नेचर था, वो कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष बन गया।

इसी तरह क्लासेज चलती रही और वो हम रोज मिलते. वो मेरी सहेली की तरफ ज्यादा अट्रेक्ट हो रहा था. मुझे जब ऐसा लगा कि वो सोना को पसंद करता है तो मैंने सोना से बोल दिया कि मैं सनी को पसंद करती हूं. तू उससे ज्यादा मत बोला कर!
तो उसने बोला- मैं तो दोस्त की तरह बोलती हूँ. तू पसन्द करती है तो बोल दे उसे?

पूरे कॉलेज में उसका जलवा था. वो चाहता तो कॉलेज की कोई भी लड़की पटा लेता लेकिन सनी बहुत सीरियस लड़का था और राजनीति में रुचि होने के कारण ज्यादा ध्यान कॉलेज के कामों में रहता था.
ऐसे ही पहला साल निकल गया. बस हम दोस्त बन पाए. वो भी इसलिये कि हमारे क्लास एक थी तो रोज मिलना होता था.
कभी कभी मैं बहाना बनाकर कुछ काम लेकर उसके पास जाती थी।

लेकिन मेरा शक सही होता जा रहा था कि वो मेरी फ्रेंड सोना से प्यार करने लगा था. वो उसकी बहुत केअर करता था. उसके कॉलेज के सारे काम करवा देता था और दूसरों के काम ले लिए बहाने बनाता था.

एक दिन इंटरनल एग्जाम हो रहे थे. मैंने हिम्मत करके उसे प्रपोज कर दिया- मैं तुम्हें पसन्द करती हूं.
लेकिन उसने मेरा प्रपोजल को न बोल दिया.
उसने बोल दिया- मेरी पहले गर्लफ्रेंड थी. उससे ब्रेकअप हो गया. अब मैं इन सब चीजों में नहीं पड़ना चाहता.

मुझे बहुत दुख हुआ, मैं बहुत रोई अपनी फ्रेंड के गले लगकर!
लेकिन साथ ही एक फीलिंग थी मुझमें कि मैं इसे पटा कर रहूंगी … कैसे भी!

मैंने आपको पहले ही बताया कि मेरा फ़िगर बहुत कमाल का है. उस समय मेरे सुडौल बूब्स 32″ के और उठी उसी गांड जिस पे कॉलेज में बहुत से लड़के फिदा थे और मेरी चूत के सपने देखते थे.
और ऐसा नहीं था कि मैंने पहले चुदाई के मजे नहीं लिए थे. लेकिन ज़िन्दगी में पहली बार मुझे किसी लड़के से प्यार हुआ और उसने ही मना कर दिया. जबकि मैं देखने में कातिल बम थी जिसे कोई भी फोड़ना चाहे।

कुछ दिन उदास रहने के बाद धीरे धीरे सब नॉर्मल होने लगा. कॉलेज में सनी मिलता. बात होने लगी.
उसने सॉरी बोला- मैंने तुम्हारा दिल तोड़ा.
ओर बोला- हम अच्छे दोस्त रह सकते हैं. इसी तरह हम 3 सहेलियों और सनी और उसका दोस्त आकाश का ग्रुप बन गया. हम साथ पार्टी करते … बहुत मस्ती करते.

मस्ती करते करते हमारे ग्रुप में ऐसा मान लिया था कि सनी सोना को लाइक करता है, उसकी बहुत केयर करता है. साथ ही सोना भी वही सब करती उसके लिए!
जिससे मुझे सोना से जलन होने लगी थी.
लेकिन क्या करती … आखिरकार मेरी सहेली थी और बाहर से आयी हुई थी बिचारी.

धीरे धीरे उनमें बात होने लगी. उन दोनों में प्यार हो गया. अब सबको पता चल गया कि इन दोनों का चक्कर चल रहा है. जबकि सोना का कोई अच्छा फ़िगर नहीं था 30-30-32 होगा. न बूब्स थे, ना ही गांड!

हम तीनों सहेली मेरे घर मिलती तो ब्लू फिल्म देखती और साथ ही एक दूसरे के बूब्स दबाती और चूसती. उस टाइम ग्रुप में सबसे बड़े स्तन मेरे थे.
तो सोना पूछती- तेरे इतने बड़े कैसे हो गए?
मैं उसे मजाक में बोलती- मैं रोज दबाती हूं।

धीरे धीरे सेकंड ईयर भी निकल गया. मस्ती चलती रही.

सनी और सोना का प्रेम परवान चढ़ने लगा. लेकिन मुझे जलन होती और बदले की भावना थी कि सनी को मुझे अपना बनाना है.
कभी कभी मैं सोना को भी बोल देती मजाक में कि सनी मेरा है!

सोना के पास मोबाइल नहीं था. उसको बात करने के लिए मेरे मोबाइल उपयोग करना पड़ता था जब सनी कॉलेज नहीं आता तो पूछने के लिए … या फिर फ्री टाइम बात करने के लिए!
इससे मुझे यह फायदा हुआ कि मुझे सनी का नंबर मिल गया.

कॉलेज के बाद जब मैं शाम के समय फ्री होती तो छत पर जाकर मैं सनी को मिसकॉल कर देती.
वो सोचता कि शायद सोना होगी साथ में! तो वो कॉल बैक करता. इसी बहाने मेरी बात सनी से हो जाती.

कभी कभी मैं बोल देती- तुम्हारी सोना ने मेरा मोबाइल बैलेंस खत्म कर दिया.
तो वो मेरा नंबर रिचार्ज करा देता जिससे मैं उससे रात में मैसेज से बात कर लेती.
रोज हम लोग रात में बात करते … गुड नाईट बोलते और सुबह गुड मॉर्निंग बोलते.
इसके लिए मैंने उसे प्रॉमिस ले लिया कि वो सोना को न बोले.

धीरे धीरे में उसकी लाइफ के बारे में जानने लगी. मैं कुछ बातें सोना के साथ शेयर कर देती जिसे उसको लगता कि इसने सब कुछ शेयर किया है.

सोना भी सनी के साथ क्लासेस बंक करने लगी. सनी को कॉलेज में अच्छी चलती थी तो सोना और सनी कॉलेज में ही रूम में मिलने लगे जिसमें मैं और अल्पना उनको बाहर से देखते कि कोई अंदर न जाये.
वैसे तो उसकी इतनी चलती थी कोई नहीं जा सकता था. लेकिन कोई देखे न इसिलए वो अल्पना को नजर रखने के लिए बोलता था. मैं साथ में खड़ी रहती थी.

बाद में मैं और अल्पना सोना के मजे लेते कि क्या मजे कर आई?
तो ज्यादा पूछने पर बोल देती कि किस और हग किया था.

इस बीच मेरी मैसेज चैटिंग होती रही सनी से!

सनी और सोना का कॉलेज क्लास में अकेले मिलना भी होता रहा. अब वे दोनों 20 20 मिनट में निकलते. इतना मैं समझती थी कि क्या होता होगा उं दोनों के बीच!

मैंने एक दिन अपने घर पर सोना और अल्पना को बुलाया और ब्लू फिल्म देखी.
तो मस्ती में सोना से पूछ लिया- सनी ने क्या क्या कर लिया तेरे साथ?
फिर भी उसने केवल किस, लिप्स किस और बूब्स दबाने की ही बात बोली.

उस दिन मैंने और अल्पना ने सोना को न्यूड किया हर उसकी बुर में उंगली की जिससे मुझे पता चल गया था कि इसकी चूत में लंड जा चुका था. लेकिन मैं कुछ नहीं बोली.

मुझे अपना बदला लेना था कैसे भी!

इसी बीच कॉलेज की भी छुट्टी थी तो कॉलेज जाना भी बंद हो गया. सोना अपने घर चली गई कुछ जरूरी काम से!
जिससे हुआ यह कि सोना और सनी की बात होना बंद हो गई. या यूं कहें बहुत कम बात हो पाती थी.
इसी दौरान मेरी और सनी की बात होती रहती थी.

आखिरकार एक दिन ऐसा आया. मस्त मौसम था, बरसात का टाइम था. मेरी सनी से फ़ोन पर बात हुई. रात में हमारी बात करीब 11 बजे शुरू हुई.

उसका मैसेज आया- कैसी हो?
मैंने रिप्लाई दिया- मस्त हूँ, तुम बताओ?
उसने बोला- मैं भी ठीक हूँ
वो पूछ रहा था- सोना कब आएगी?
फिर मैंने चुटकी लेते हुए लिखा- क्यों क्या हुआ सोना की याद आ रही है? बहुत दिन हो गए मिले हुए?
रिप्लाई आया- अरे नहीं बस यूं ही … बढ़िया हूं. और क्या हो रहा है?
मैं बोली- कुछ नहीं. बस लेटी हुई बोर हो रही थी. तुम्हारा मैसेज आ गया. और तुम क्या कर रहे हो?
वह- बस में भी लेटा हूँ. मोबाइल लिया तो सोचा तुम्हें मैसेज करूं.
मैं- अच्छा तो लगता है सोना की याद आ रही है
वह- अरे आ रही है. लेकिन क्या करूं? तो सोचा कि उसकी सहेली से ही बात कर लूं.

मैं- तो क्या मैं तुम्हारी दोस्त नहीं हूँ?
वह- अरे ऐसा नहीं है. तुम मेरी भी अच्छी दोस्त हो.
मैं- रहने दो … देख लिया मैंने!
वह- सॉरी मेरी दोस्त!
मैं- सॉरी बोलते हो और दोस्त भी? ऐसे नहीं होता.
वह- तो कैसे चलेगा? अरे आज मौसम मस्त है और तुम लड़ रही हो मुझसे?

मैं- तो क्या हुआ … तुम्हें याद आ रही होगी अपनी गर्लफ्रेंड की!
वह- हां यार … मौसम की वजह से याद आ रही है आज बहुत!
मैं- ओह्ह … तो बात बहुत आगे बढ़ गई है कि मौसम तक पहुँच गई?
वह- अरे ऐसा नहीं है यार … बस यूं ही बहुत दिनों से मिले नहीं हैं. तो क्या बतायें!
मैं- अच्छा ऐसा है. तुम तो ऐसे पूछ रहे जैसे बता ही दोगे?
वह- हाँ पूछो … क्यों नहीं बताएंगे. तुम मेरी दोस्त हो. पूछो तो सही?
मैं- पहले वादा करो?
वह- ओके प्रोमिस … खुश अब तो?

जो पूछा मैंने उससे … उसे उसकी उम्मीद नहीं थी.
मैंने पूछा- तुम्हारे और सोना के बीच बात कहाँ तक पहुँच गई?

वह- मतलब में समझा नहीं कैसी बात?
मैं- अरे पागल प्यार वाली बात … जो तुम बंक मारते हो. और जो क्लास में हमसे रखवाली करवाते हो!
वह- ओह बस यार चल रही है. तुम समझदार हो. और अपनी सहेली से पूछ लेना. उसने बताया होगा तुम्हें!

मैं- नहीं, मुझे तुमसे जानना है. उससे पूछना होता तो अभी तक पूछ लिया होता. तुमने प्रोमिस किया है अब बताना पड़ेगा.
वह- मैं क्या बताऊँ? कुछ समझ में नहीं आ रहा. तुमने फंसा लिया.
मैं- अरे जो पूछा है वही बताओ. शर्माओ मत, मैं भी तुम्हारी दोस्त हूं. मुझसे कैसा शर्माना.
वह- अच्छा फिर भी क्या बताऊँ? तुम पूछ लो. मुझे शर्म आ रही है!
मैं- ओके मत बताओ.
मैंने गुस्सा होने का नाटक किया.

वह- अरे तुम तो गुस्सा हो गई. सॉरी बाबा, बताता हूं. प्यार बहुत आगे बढ़ गया.
मैं- कितने आगे जनाब? पूरा बताओ … क्या क्या मजे कर लिये.
वह- क्या क्या … मतलब क्या है? बस किस मिस हुआ है.
मैं- ओह्ह किस तो ठीक है. मिस क्या होता है? बस अभी तक यही अटके हो?
वह- अरे मिस … मतलब समझ लो आप. हम अटके नहीं हैं.

मैं- क्या समझ लें? हम कुछ ज्यादा न समझ लें. इससे अच्छा तुम ही बता दो कि किस कहाँ कहाँ ली है?
वह- किस सभी जगह कर ली. आप ज्यादा ही समझ लो!
मैं- सभी जगह मतलब वहाँ भी? और ज्यादा से क्या मतलब है? सब हो गया?
वह- क्या बोल रही हो? कहाँ अरे … सब नहीं, अभी रह गया.

मैं- अरे वही मैंने भी बोल दिया रात का टाइम मस्ती चढ़ रही थी तो वहाँ मतलब नीचे
वह- अरे नहीं नहीं … केवल लिप्स गाल और बूब्स पर!
मैं- ओह्ह तो अभी बूब्स तक पहुँचे हो. मुझे लगा उस पे भी ले ली?
वह- क्या यार तुम भी न प्रियंका! उस पे ली जाती है? और उसको बोलते क्या हैं ये भी बता दो?
मैं- अरे पागल ली जाती है तभी तो बोल रही हूँ. उसको चूत बोलते हैं.

वह- तुम्हें सब पता है, तुम्हें किसने बताया?
मैं- अरे मूवी में देखी है. और हम सहेली आपस में बात करती हैं तो पता चल जाता है. अल्पना भी बताया था. अब बताओ … अब मत शर्माओ!
वह- क्या बताऊँ?
मैं- यही कि तुमने क्या क्या किया सोना के साथ?
वह- बोला न बाबा … किस और बूब्स पिये और दबाये!
मैं- बस और कुछ नहीं किया? सच सच बताओ?
वह- सच्ची यार … बस एक बार उंगली डाली थी!

मैं- ओह्ह … अरे तुम भी … उंगली नहीं कुछ और डालना था. और तुमने अभी तक उसके बूब्स ठीक से नहीं दबाये. देखो कितने छोटे हैं.
वह- अरे मौका नहीं मिल प्रियंका वो डालने का … वरना डाल देता! हाँ यार … उसके छोटे है तुम्हारे बहुत बड़े हैं बूब्स!
मैं- ओह्ह जनाब … हमारे भी बूब्स देखते हैं? हमें लगा कि शरीफ हो तुम तो …. और क्या डालते? नाम भी है कुछ उसका!
वह- अरे हम आपस में इतना खुल गए कि सोना से भी ऐसी बातें नहीं हुई अभी तक! तो बोल देते हैं लण्ड … और आपके हैं ही इतने बड़े कि अपने आप दिख जाते हैं. हम क्या करें!

मैं- ओह … अच्छा तुम्हें कैसे पसंद हैं? छोटे या बड़े?
वह- बड़े बड़े तुम्हारे जैसे!
मैं- अच्छा. लेकिन तुम्हें मैं पसंद नहीं हूँ. मेरे बूब्स पसंद होने से क्या?
वह- अरे ऐसा कुछ नहीं है. तुम भी पसंद हो. और बताओ आज तुम्हारी वजह से कुछ हो गया!
मैं- अच्छा क्या हो गया बताओ मेरे दोस्त?
वह- तुम्हारे दोस्त का खड़ा हो गया.

मैं- ओह्ह तो गर्लफ्रेंड को मिस करने लगे. अच्छा सोना ने प्यार नहीं किया तुम्हारे लण्ड को?
वह- अभी गर्लफ्रेंड कहाँ है? तुम्हारी वजह से हुआ. और हाँ उसने किस की थी 2 बार उस पर!
मैं- ओह्ह … तो हमारी वजह से खड़ा हुआ है. तो बोलो हम क्या कर सकते हैं? क्यों खड़ा हुआ हमारे दोस्त का?
वह- इसलिए क्योंकि तुम्हारी चूत को मिस कर रहा है. उसे प्यार चाहिए!

मैं- ओह्ह तो सनी … हमने कब रोका … लो अपनी प्रियंका की () चूत!
वह- मुझे नहीं पता था तुम मुझसे इतना प्यार करती हो कि सब कुछ देने को तैयार हो.
मैं- आई लव यू सनी!
वह- लव यू टू!
मैं- मुआहह किस यू … मिस यू.
वह- कहाँ दी है किस? किस यू टू!
मैं- तुम्हें कहाँ चाहिए बोलो?
वह- लिप्स और लण्ड पर!
मैं- ओक दोनों जगह दे दी. जानू आ जाओ पास!

इस तरह पूरी रात हम दोनों के बीच सेक्स चैट हुई. फिर कुछ दिनों तक यही रूटीन बन गया रोज रात का!

एक दिन हम दोनों में बात हुई कि कॉलेज में मिलेंगे. और अच्छी बात यह थी कि सोना आई नहीं थी अभी!

तय समय पर हम मिले. कॉलेज में ज्यादा भीड़ नहीं थी, मौका देख हम दोनों लाइब्रेरी में पहुँच गए. वहाँ पहली बार हम दोनों ने किस किया, हग किया. उसने मेरे बूब्स दबाये और पिये.

फिर उसने अपना गोरा लण्ड निकाल दिया और बोला- प्यार करो!
मैंने उसे एक किस लण्ड पर दी. उसका लण्ड काफी बड़ा था।

फिर उसने मेरी सलवार में हाथ डाल कर चूत में उंगली डाल दी. 2 मिनट बाद हम अलग हो गए.

इस एक बार के मिलन ने हमें फिर से मिलने को मजबूर कर दिया क्योंकि आग दोनों तरफ लगी थी.

ऐसे ही एक दिन कॉलेज में मिलना हुआ. लेकिन चूमा चाटी के अलावा कुछ ज्यादा नहीं हो पा रहा था.

आखिरकार किस्मत को हम दोनों का मिलना मंजूर था. एक दिन मेरे घर वाले रिश्तेदारी में जाने वाले थे. मैंने यह बात रात को ही सनी को बोल दी कि कल तुम मेरे घर आ जाना।

अगले दिन 2 बजे मैंने कॉल किया- आ जाओ. क्योंकि इस टाइम गली में कोई रहता नहीं है.
सनी जल्द ही आ गया.
लेकिन एक अजीब डर लग रहा था मुझे … पता नहीं क्यों?

उसने आते ही मुझे गले लगा लिया.
मैंने उसे बोला- रुको … पूरे दो दिन हैं हमारे पास … इतनी भी क्या जल्दी है.
तो सनी बोला- अब रुका नहीं जा रहा मुझसे!

मैं उसे अपने बेडरूम ले गई. उसके लिए पानी पूछा तो बोला- पानी पीने नहीं आया … मैं तो तुम्हारे बूब्स का दूध पीने आया हूं.
फिर मैंने उससे बोला- सब मिलेगा, तुम्हारे ही हैं. पी लेना!

इतना बोलना था कि उसने मुझे अपनी ओर खींच लिया और मेरे ऊपर आ गया. फिर उसने लिप्स किस करना शुरू कर दी. आज किस का कुछ अलग ही मजा था.
किस करते करते उसने अपना हाथ बूब्स पर रख दिया और मेरी टीशर्ट के ऊपर से ही बूब्स दबाने लगा.

मैंने आज नहीं ब्रा पहनी थी, न ही पैंटी … क्योंकि मैं जानती थी की आज इन्हें उतराना तो है ही!

आज एक बहुत ही अलग मज़ा आ रहा था. हम लोगों को पता भी नहीं चला कि हम दोनों ने कब अपने कपड़े उतार दिए. वो सिर्फ अंडरवियर में था और उसके लण्ड का उभार दिख रहा था.

फिर मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने उसकी अंडरवियर उतार दी. उसका गोरा लम्बा लण्ड मेरे सामने था.
उसने मुझे इशारे से मुँह में लेने को बोला.
लेकिन मैंने न कर दी.
फिर वो जिद करने लगा और मेरा मुंह पकड़कर नीचे कर दिया.

मैंने उसका लण्ड पूरा अपने मुँह के अंदर ले लिया. आज लण्ड चूसने का भी बहुत अच्छा आनंद था. अब उसका लण्ड एकदम टाइट था.

उसने पहले तो मेरी चूत में उंगली डाली.
मेरी चूत पहले से ही पानी छोड़ चुकी थी. मैंने भी उतेजना में बोल दिया- जानू, अब डाल भी दो!

फिर मुझे लेटाकर सनी मेरे ऊपर आ गया और अपना लण्ड मेरी चूत पर घिसने लगा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था .

फिर अचानक से उसने एकदम पूरा लंड चूत के अंदर कर दिया. मैं एकदम चिल्लाने वाली थी. वो तो उसने मेरे मुंह पर हाथ रख दिया.
मैंने उसे बोला- मार ही डालोगे क्या जान?
तो बोला- नहीं जानू, मैं तुझसे प्यार करता हूँ. क्यों मारूँगा?
मैंने चुटकी लेते हुए बोल दिया- हाँ हाँ पता है कितना प्यार करते हो. इसलिए तो मेरे प्रपोजल को एक्सेप्ट नहीं किया था. उस सोना में तुम्हें क्या अच्छा लगा जो मुझमें नहीं है?
तो बोला- ऐसी बात नहीं है जानू!

फिर सनी धीरे धीरे मुझे चोदता रहा. करीब दस मिनट बाद मुझसे बोला- मैं आने वाला हूँ.
तो मैंने बोला- बाहर निकलना!

उसने लण्ड चूत से निकल लिया और मेरे पेट पर आना माल निकाल दिया.
इस चुदाई के बीच में भी 2 बार झड़ गई थी.

हम ऐसे ही लेटे रहे बातें करते रहे और साथ में किस और बूब्स दबवाने का मज़ा लेते रही.
फिर मैं बाथरूम जा कर फ्रेश हुई और वापिस आई तो उसका लण्ड फिर तैयार था. मैं समझ गई कि फिर से मेरी धमाकेदार चुदाई होने वाली है.

और फिर हुआ भी वही … हम दोनों फोरप्ले करते करते चुदाई तक पहुंच गए. इस बार उसने मुझे अपने ऊपर किया और मैंने घुड़सवारी की लंड के ऊपर.
फिर उसने घोड़ी स्टाइल में भी मेरी चूत चुदाई की.
यह दूसरी चुदाई करीब 15 मिनट चली.

फिर हम बातें करते रहे और मैंने उसे अपने हुस्न के जाल में ऐसा फंसाया कि सब पूछ लिया कि सोना को कितनी बार चोद लिया.
और फिर उसने मुझसे जो पूछा, उसकी मुझे उम्मीद नहीं थी.
उसने पूछा कि तुमने मुझसे पहले किस किस के साथ सेक्स किया है।
मुझे भी आखिरकार बताना ही पड़ा कि मेरा बॉयफ्रेंड था लेकिन अब ब्रेकअप हो गया.

लेकिन सच्चाई यह थी कि मेरा एक के साथ नहीं बल्कि 2 लड़कों के साथ चक्कर थे. लेकिन वो बचपना था. मुझे सनी से असली प्यार था.
और एक सच्चाई ये भी थी कि वो मन से सोना का था. मेरे साथ तो उसका रिश्ता जिस्म का था, वासना का था, चूत लंड चुदाई का था.
लेकिन मैं खुश थी कि जिसे मैंने प्यार किया वो मेरा हुआ. चाहेकैसे भी हुआ हो.

और इस तरह हम रोज रात फोन सेक्स करते और मौका मिलने पर चुदाई कर लेते.

कॉलेज में हम दोनों फ्रेंड थे और उसकी गर्लफ्रेंड सोना ही थी. हम दोनों के बीच जो भी था वह केवल हम दोनों ही जानते थे।

लेकिन मेरी एक ओर परीक्षा बाकी थी वो यह थी कि एक दिन हम तीनों दोस्त मैं सोना और अल्पना मेरे घर थी. मेरे घर पर केवल माँ थी. तभी माँ मोहल्ले में एक ऑन्टी के घर चली गयी और सोना मेरे फ़ोन से सनी से बात कर रही थी और उसने यह बात सनी से बोल दी कि घर पर कोई नहीं है.
तो सनी बोला कि वो आ रहा है.
और वो घर आ गया.

अब मुझे वो करना था जो मैं नहीं सह सकती थी. सनी को सोना की बांहों में जाते देखना.
लेकिन क्या कर सकती थी. फिर उन दोनों को मैंने एक रूम दिया और साथ ही मैंने और अल्पना ने उन दोनों की लाइव चुदाई का प्रोग्राम देखने की व्यवस्था की. जिससे मैं और अल्पना गर्म हो गयी और आपस में लेस्बो करने लगी.

फिर हम दोनों ने उन्हें डराने के लिए बोल दिया- जल्दी खोलो, कोई आने वाला है.
और उनका मज़ा खराब कर दिया।

बाद में भी मेरे सनी के साथ शारीरिक रिश्ते बने रहे.
Post a Comment (0)
Previous Post Next Post