भाई की मंगेतर को हुआ मुझसे प्यार ! Bhai Ki mangetar

 ये कहानी मेरे जीवन की एक हसीन गलती की है।  मैंने खुद को बहुत रोका था , पर मैं अपने लण्ड और एक सेक्सी  चूदासी चूत   के सामने मजबूर होकर वो गलती कर बैठा। 

जैसा कि आप लोग जानते हैं , मेरा नाम राहुल है और मैं २६ साल का हूँ। मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ।   मैंने पहले की अपनी सभी कहानियो मैं बताया है कि मुझे भगवान्  ने एक बेहद सुंदर चेहरे और एक मोटे लम्बे लण्ड का वरदान दिया है।  इन दोनों के सहारे आज तक मुझे कभी चूत की कमी नहीं हुयी।  पर आज भी मेरे लण्ड को हमेशा एक नयी चूत मारने की भूख लगी रहती है।  आज जो कहानी में आपको सुनाने जा रहा हूँ वो मेरी और मेरी भाभी की है।  कहानी शुरू होती है एक साल पहले दिसंबर के महीने मे।  शादियों का सीजन चल रहा था और मेरे बड़े भाई के लिए भी लड़की ढूंढ रहे थे मेरे माता पिता।  आखिरकार एक हमारे शहर की ही एक काम्या नाम की लड़की से बात बढ़ने लगी।  हम सब लड़की देखने लड़की वालो के घर गए। 

मेरा भाई दिखने में कुछ ख़ास अच्छा नहीं है और उसकी उम्र भी ३० हो गयी है।  बहुत मुश्किल हो रही थी हमें उसके लिए लड़की ढूंढने में।  उस दिन हम बड़ी उम्मीदों से काम्या के घर गए थे कि भगवान् की कृपा  से आज रिश्ता पक्का हो जाये बस।  वहाँ जाकर मुझे पता चला कि काम्या तो मेरी एक पुरानी गर्लफ्रेंड की बड़ी बहन है , जिसे मैंने खूब चोदा था कॉलेज के समय। उसका नाम सुनीता था।   इसने मुझे दूसरी लड़की को चोदते हुए देख लिया था और हमारी दोस्ती टूट गयी थी।  अब मैं डरने लगा कि कही सुनीता अपने घरवालों को बोल कर रिश्ते के लिए मना ना कर दे।  पर वहा जो हुआ वो हम में से किसी ने नहीं सोचा था।  काम्या ने शादी के लिए हाँ बोल दी थी।  हम में से किसी को यकीन नहीं हो रहा था पर हम सब खुश थे।  रिश्ता पक्का कर के हमने २ सप्ताह बाद का मुहूर्त निकलवाया और शादी की तारीख भी पक्की हो गयी।  उस दिन एक अच्छी बात और हुई , सुनीता और मेरी दोस्ती फिर से हो गयी। 

वो दोनों बहने बेहद खूबसूरत थी और उनका शरीर कामुकता से भरा हुआ था।  दोनों बहनो का शरीर एक जैसा शकल लगभग एक जैसी ही थी।  गोरा चिट्टा शरीर , ३६-३०-३६ का शरीर।  अब जिसकी चूचियां और गांड का साइज ३६ हो उसे देख कर तो बूढ़े का भी पानी निकल जाये और मैं और मेरा भाई तो अभी जवान थे , सोचो हमारा क्या हाल हो रहा होगा।  मैंने तो सुनीता को अगले ही दिन फ़ोन कर के सॉरी बोल दिया और उस से दुबारा दोस्ती करने की पेशकश की।  वो तुरंत मान गयी और अगले ही दिन मैं उसे लेकर फिल्म देखने चला गया। 

आज ३ सालो बाद में उसकी टाइट चूचियों को दबा रहा था , उसके नरम होंठो को चूस रहा था और उसकी गोल गोल गांड सेहला रहा था।  सिनेमा हॉल के अँधेरे का फायदा पूरा उठा रहे थे हम दोनों और एक दूसरे में खो गए थे।  कुछ ही देर में उसने मेरी जीन्स की ज़िप खोल कर लण्ड हाथ में पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया और बोलने लगी , साले राहुल तूने बहुत गलत किया, तूने मुझे धोखा दिया था।  तुझे भूलने के लिए मैंने ४ बॉयफ्रेंड बनाये पर तुझे और तेरे लण्ड को भुला ना सकी।  अभी भी मेरा एक बॉयफ्रेंड है पर मैं उसे धोखा देकर यहाँ तेरे साथ हूँ।  मैंने बोला सॉरी मेरी जान अब तेरी चूत कभी प्यासी नहीं रहेगी वादा है मेरा।  इतने में वो निचे झुक कर लण्ड  चूसने लगी। 

मैं भी उसकी चूचियां दबा रहा था और उसका मुँह अपने लण्ड से चोद रहा था।  वो भी पूरी मदहोशी से थूक लगा लगा कर मेरा लण्ड चूस रही थी।  वो मेरे लण्ड की ताकत से अच्छी तरह वाकिफ थी इस लिए हर ५-७ मिनट बाद मुँह से निकाल कर हाथ से हिलती और उतनी देर तक मेरे होंठो को चूमती।  फिर लण्ड चूसने लगती।  करीब २५ मिनट बाद मेरे लण्ड ने लावा छोड़ा और सुनीता ने एक कतरा भी  गिरने न दिया , सब पी गयी और  चाट चाट कर साफ़ करने लगी।  उसका मुँह पूरा मेरे लण्ड के लावे से भरा था , अपने मुँह पोछते हुए बोली तेरे लण्ड की ताकत अभी तक बरक़रार है।  अब इस से चुदवाने का मौका कब देगा।  मैं भी उसे चोदने के लिए तड़प रहा था तो मैंने बोला अगर तेरे पास समय है तो आज ही।  वो ख़ुशी से उछल पड़ी और बोली मेरी जान तेरे लण्ड के लिए तो हमेशा ही फ्री हूँ मै।  मैं तुरंत उसे एक होटल मैं ले गया और २ बार उसे चोदा। 

  उस दिन के बाद अब में रोज उसे चोद रहा था और शादी की तैयारिया चल रही थी।  ६ दिन बाद मुझे मेरी होने वाली भाभी का फ़ोन आया और वो मुझसे बोलने लगी मेरे साथ धोखा क्यों किया।   मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था और मेरे बार बार पूछने पर काम्या ने बोला कि उसने मुझे देख कर शादी के लिए हाँ बोली थी न कि मेरे भाई को।  ये सुन कर मैं चौंक गया और बोला काम्या भाभी ऐसा नहीं हो सकता , अब रिश्ता तय हो गया है।  उसने बताया कि आज शादी का कार्ड देख कर उसे पता चला कि उसकी उसकी शादी राहुल से नहीं राजेश से हो रही है। मैं उसे समझाता रहा कि अब तो कार्ड बट चुके हैं , अब आपका ऐसा बोलना गलत है।  उसने भी गुस्से में फ़ोन काट दिया ये बोलकर कि कोई बात नहीं मैं किस्मत से खुद लड़ूंगी पर अपनी जवानी बर्बाद नहीं होने दूंगी। 

मुझे डर लगने लगा था और साली सुनीता ने भी उसी रात काम्या को हमारे बारे में सब बता दिया।   मैं किसी हाल में भाई को दुखी नहीं देखना चाहता था , पर मैं कुछ कर भी नहीं सकता था।  भगवन की कृपा से शादी में कोई अड़चन नहीं आयी और शादी वाला दिन आ गया।  हम सब बारात ले कर काम्या के घर पहुँच गए और उसके घरवालों ने भी हमारा स्वागत बहुत अच्छे से किया।  थोड़ी देर बाद सुनीता मेरे पास आयी और बोली चल तेरी भाभी तुझे मिलने को बुला रही है।  मैं डर गया कि कही काम्या ने सुनीता को बता तो नहीं दिया पर हिम्मत कर के मैं चला गया।  काम्या को उसकी सहेलिया तैयार कर रही थी और मेरे जाते ही उसने अपनी सहेलियों को बाहर जाने को बोला।  उसने सुनीता को बोला कि सुनीता तू भी बाहर जा मुझे मेरे देवर और होने वाले जीजा से कुछ अकेले मैं बात करनी है।  सुनीता हँसते हुए चली गयी बाहर।  उसके जाते ही काम्या ने मुझे कस के अपनी बाँहों  में भर लिया और बोली राहुल अभी भी टाइम है भगा ले चल मुझे।  जब से सुनीता ने तेरे लण्ड के बारे में बताया है तब से सिर्फ मैं ही नहीं मेरी चूत भी तेरे सपने लेने लगी है। 

  मैंने उसे धक्का देकर पीछे किया और बोला मुझे भूल जा , तेरी किस्मत में राजेश है और ये बात मान ले।  इतना बोलकर मैं वहाँ से निकल कर दुबारा शादी में आ गया।  जब तक शादी ना हो जाती मेरा दिल बेचैन था।  पर आखिरकार उन दोनों की शादी हो गयी।   हम काम्या की विदाई करवा कर उसे घर ले आये। 

उस दिन भाई की सुहागरात थी , और मुझे यकीन था कि आज सब सही हो जायेगा।  रात में करीब ११ बजे मुझे प्यास लगी और मैं रसोई में पानी लेने गया।  भाई का कमरा रास्ते में ही पड़ता है, और रसोई से वापिस आते हुए मुझे भाई के कमरे से कुछ आवाज सुनाई दी।  मैं दरवाजे के पास ध्यान से सुनने लगा।  वो आवाज काम्या की सिसकियों की थी , मुझे ख़ुशी हुयी के लगता है इन दोनों के बीच में सब ठीक हो रहा है।  पर ३-४ मिनट बाद ही आवाज आनी बंद हो गयी।  मुझे कुछ समझ नहीं आया और मैं अपने कमरे की तरफ चल दिया।  मेरे कमरे में पहुँचने से पहले ही मेरे मोबाइल पर एक मैसेज आया।  वो मैसेज काम्या का था , उसने लिखा था ” राहुल कर दी तूने मेरी जिंदगी बर्बाद , अब मेरे एक एक आंसू पे तेरा नाम लिखा होगा “।  मैसेज पढ़ कर मुझे समझ आ गया कि भाई उसे तस्सली से चोद नहीं पाया।  काम्या के लिए मुझे बहुत बुरा लग रहा था उस दिन पर मैं अपनी भाई की ख़ुशी के आगे मजबूर था। 

अगले ही दिन से काम्या ने अजीब अजीब हरकते करनी शुरू कर दी।  वो जान जान कर मेरे पास आती , झुक कर अपनी चूचियों का प्रदर्शन करती , बार बार मेरे रूम में आकर मुझे छेड़ती , मेरे साथ बेड पर लेट जाती।  उसकी ये हरकते हर बार मेरा लण्ड खड़ा करवा देती और वो मेरा खड़ा लण्ड देख कर और खुश होती।   मैं उसपे गुस्सा तो करता पर उसका गदरीला शरीर मुझे भी उसे चोदने के लिए पागल कर रहा था।  में बहुत मुश्किल से खुद को रोक रहा था । 

फिर एक दिन आया जब उसने सारी हदें  पार कर दी।  उस दिन मेरे माता पिता सत्संग गए हुए थे और भाई ऑफिस चला गया था।  घर में सिर्फ मैं और काम्या थे।  मैं रोज देरी से उठता हूँ तो मुझे १० बजे उठने के बाद पता चला कि घर में कोई नहीं है।  मैं ११ बजे तक नाहा धो लिया और बाहर सोफे पर आकर बैठ गया और टीवी चला कर नाश्ते का इंतज़ार करने लगा।  इतने में काम्या मेरा नाश्ता लेकर आयी और आज तो उसने हद ही कर दी।  वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी।  उसे देख कर मैंने अपने चेहरा घुमा लिया और गुस्से में बोला भाभी आपको शर्म नहीं आती।  काम्या बोली कि नहीं आती मुझे शर्म।  मैंने तो तुझे ही अपना पति माना है।  उसने हाथ से पकड़ कर मेरा चेहरा अपनी तरफ किया और बोलने लगी। 

मैंने कभी राजेश को अपना पति माना ही नहीं उसे तो बस अपनी किस्मत का मिला हुआ श्राप समझ कर झेल रही हू।   मेरी इस हालत का जिम्मेदार तू है।  पर मुझे तुझसे कोई शिकायत नहीं , अगर तू चाहे तो तू मेरी जिंदगी में ख़ुशी ला सकता है और मैं ये बात किसी से नहीं बताउंगी।  वो बिलकुल मेरे करीब थी , आधी नंगी , पतली डोरी वाली ब्रा और बेहद छोटी पेंटी पहने हुए।  उसकी चूचियां और गोल गोल गांड लगभग नंगे थे।  उसे इस हालत में देखकर तुरंत मेरा लणड खड़ा हो चूका था और मेरे पैजामे में बम्बू बना चूका था।  वो पूरी अंग्रेजी फिल्मो वाली रंडी बन कर मेरे करीब बैठी हुई थी।  लाल रंग की ब्रा पेंटी , बाल खुले और गाढ़े लाल रंग की लिपस्टिक।  उसने पूरा मेकअप किया हुआ था बस शरीर नंगा था उसका।  उसका गोरा चिट्टा बदन और उसकी साँसे मुझे तड़पा रही थी। 

उसने भी मेरा खड़ा लण्ड देख लिया और पैजामे के अंदर हाथ डाल  कर उसे पकड़ लिया और बोलने लगी , देख राहुल तेरा लण्ड भी मुझे चोदने के लिए तड़प रहा है , बस तू ही नहीं मान रहा बहनचोद।  राहुल ना तड़पा अब और ज्यादा , न अपने मन को न अपने लण्ड को और न ही मेरी चूत को।  इतना बोल कर उसने अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए और चूमना शुरू कर दिया।  मैंने काफी देर तक खुद को और उसे रोकना चाहा पर आज मैं  लण्ड के सामने मजबूर हो गया और मैंने भी उसे अपनी बाँहों में भर लिया।  मेरा साथ पाकर अब वो भी खुश हो गयी और मुझे पागलो की तरह चूमने लगी।  मेरा लण्ड अब और तेजी से  हिलाना  शुरू कर दिया उसने और मैं भी उसकी गांड सहलाने लगा।  हम दोनों को पता नहीं क्या पागलपन चढ़ा हुआ था हम एक दूसरे के चेहरे को अपने थूक से गिला कर रहे थे और चाट रहे थे।   होंठो को दांतो से काट रहे थे और जीभ चूस रहे थे।  मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियां दबाना शुरू कर दिया और अब वो और ज्यादा पागलो की तरह मुझे चूमने लगी।  उसने मेरा पजामा उतार कर मुझे निचे से पूरा नंगा कर दिया।  और जोर जोर से लण्ड हिलाने लगी। 

मैंने भी उसकी ब्रा खोल कर उसकी चूचियों को आजाद किया और अब उसकी गोल गोल टाइट टाइट गुब्बारे जैसी चूचियां बाहर आकर और भी बड़ी लगने लगी।  मैंने भी  एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और दूसरी को दबाना शुरू कर दिया।  मैं उसकी चूचियों का रस पी  रहा था और वो पानी पेंटी में एक हाथ दाल कर अपनी चूत रगड़ रही थी।  १- मिनट तक ये सिलसिला चलता रहा और अब उसने मुझे हटाया और खुद ज़मीन पर बैठ गयी  और मेरा लण्ड चूसने लगी।  बार बार गालिया देती रही राहुल बहनचोद साले बहुत तड़पाया है तूने इस लण्ड के लिए मुझे आज तो मैं खा जाउंगी इसे।  वो जान जान कर हलके हलके दांत मार रही थी मेरे लण्ड पर और बोल रही थी आ रहा है साले मजा अब तुझे।  तड़प जितना मैं तड़पी हूँ।  साली रांड की तरह मेरा लण्ड चूस रही थी , खांस खांस कर बेहाल हो रही थी पर लण्ड को गले तक ले जाने की कोशिश करना नहीं छोड़ा उसने।  और सिर्फ लण्ड ही नहीं मेरी जांघो को और लण्ड के आस पास की सारी जगह रंडी ने अपने थूक से गीली कर दी। 

अब मुझे भी रहा ना गया और मैंने उसे उठा लिया।  उसकी पेंटी खोलने तक का भी समय में बर्बाद नहीं करना चाहता था , उसकी पेंटी पकड़ी और जोर से खींच कर फाड़ दी।  अब वो पूरी नंगी खड़ी  थी मेरे सामने और मैंने भी टीशर्ट उतर कर खुद को पूरा नंगा कर लिया।  मैंने उसे गोद मैं उठा लिया और अपने कमरे में ले जाकर बेड पर फेक दिया उसे।  उसे चोट तो लगी हलकी पर उसकी चूत की तड़प के आगे उस चोट का कोई मोल नहीं था।  मैं उसके ऊपर चढ़ गया और अब एक बार फिर उसे चूसना शुरू किया।  मेरा लण्ड उसकी चूत को रगड़ रहा था और मैं उसके होंठो को अपने होंठो से रगड़ रहा था।  धीरे धीरे मैं निचे जाने लगा और अब मैंने उसका बदन अपने थूक से गिला कर दिया।  मैं उसकी चूत तक पहुँच गया जो कि पूरी तरह गीली हो चुकी थी। 

मैंने भी अपनी जीभ से उसकी चूत चाटना  शुरू किया।   मैं पागलो की तरह उसे अपनी जीभ से चोदना शुरू किया और कभी कभी दांत भी काटने लगा।  आज वो खुल कर मजे ले रही थी और खुल कर चिल्ला रही थी।  आआह्ह्ह्हह्ह ऊऊऊह्ह्ह्हह्ह आआस्स्स्सस्स्स्स  यययययययहह्हह्ह्ह्ह आआआह्ह्ह्हह्ह राहुल मजा आ रहा है चूस साले और चुस्स्स, बहुत अच्छे से चूत चाट लेता है तू यार , चाट मेरी जान पी जा मेरी चूत का पानी…..आआह्ह्ह्हह्ह ।  वो भी मेरा सिर पकड़ कर अपनी जांघो में दबा रही थी और चूत चटवाने का पूरा मजा ले रही थी।  अब उसकी चूत आग फेकने लगी थी और वो भी पूरी तरह गरम हो चुकी थी। 

कामुकता भरी आवाज  से बोली राहुल अब सेहन नहीं होता , साले अपना सात इंची लोडे का कमाल दिखा दे अब , चोद दे मुझे अब , बुझा दे मेरी चूत की प्यास।  मैं भी  ऊपर आया उसके और उसकी टाँगे फैला दी।  लण्ड उसकी चूत पर रखा और उसके होंठो को अपने होंठो में कैद कर लिया। एक झटके मैं पूरा लण्ड उसकी चूत में गाड़ दिया।  वो दर्द से कर्रहने लगी, इसी लिए मैंने अपने होंठो से उसका मुँह बंद किया हुआ था।  मुझे पता था , कितनी ही बड़ी चुदकड़ लड़की क्यों न हो , मेरा लण्ड नहीं सेहन कर पाती पहली बार।  मैंने १ मिनट तक लण्ड को रोके रखा और फिर उसे पूछा क्या हुआ , फट गयी चूत तेरी रंडी।  बड़ा मेरे लण्ड की प्यासी थी अब क्या हुआ।  पर ये साली पूरी की पूरी रांड थी।  बोली कि मेरी जान ये मीठा दर्द तो स्वर्ग का मजा दे रहा , अब और न रुक , चला दे रेलगाड़ी।  उसने मेरी गांड पर थपड मारा और बोली हो जा मेरे लाल शुरू।  मैंने भी धीरे धीरे लण्ड को अंदर बाहर करना शुरू किया और उसका दर्द धीरे धीरे कम होता गया। 

अब उसने भी गांड हिलाना शुरू कर दिया और इशारा दे दिया कि अब उसकी चूत ने मेरे लण्ड की जगह बना ली है।  अब मैंने भी उसकी टाँगे उठायी अपने कंधो  पर रखी और अपनी लण्ड को चौथे गियर  डाल कर एक्सेलेटर फुल दबा दिया और अब तेजी से मेरा लण्ड उसकी चूत को चीर रहा था।  वैसे तो अभी तक उसने चीख चीख कर पूरा कमरा अपनी कामुक सिसकियों से भर दिया था पर जब भी मेरा टोपा उसकी बच्चेदानी से टकराता उसकी आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह आअह्ह्ह की आवाज आआआह्ह्ह्हह्ह  में बदल जाती और उसके मुँह से गालियों की बारिश होने लगती।  चोद साले चोद , हरामी कुत्ते बहनचोद  बहुत तड़पाया है तूने आज मेरी सारी प्यास बुझा दे साले।  करीब १५ मिनट तक मैं ऐसे ही उसे चोदता रहा और अब मैंने उसे कुतिया बना दिया और और उसकी गोल गोल गांड के दर्शन किये।  मैंने उसका बाल पकड़ कर जोर से खींच लिया और उसकी गांड पर थपड मार कर बोला बोल कुतिया और चुदवायेगी या हो गया तेरा।  वो बोली साले कुत्ते अभी ये कुतिया का मन नहीं भरा और चोद इस कुतिया को।  मैंने भी एक थपड और मारा उसकी गांड पर और घुसा दिया लण्ड फिर से उसकी चूत मे।  अब ऐसे ही मैं उसके बाल खींच रहा था उसकी गांड को थपड  मार मार कर लाल कर रहा था और उसकी चूत की प्यास बुझा रहा था।

करीब ३० मिनट की लगातार चुदाई के बाद वो बोली हाययययय अब जाकर मिली शांति।  मैंने देखा तो उसकी चूत ने पूरा पानी छोड़ दिया था।  वो बोली निकाल ले अब राहुल दर्द होने लगा।  मैंने उसके बाल पकडे और अपनी तरफ खींच के बोला रंडी तेरा तो हो गया पर मेरा लण्ड देख ये अभी भी शांत नहीं हुआ चल गांड मरवा अब साली।  वो बोली नहीं गांड अगली बार मरवाउंगी मेरी जान आजा लेट जा तेरा लण्ड मैं शांत कर देती हूँ।  मैं लेट गया और वो मेरा लणड चूसने लगी।  आखिरकार १० मिनट बाद मेरे लण्ड ने पिचकारी मारी और रस फेंक दिया बाहर।  काम्या पीछे हटने लगी तो मैंने उसका बाल पकड़ कर उसका मुँह दुबारा लण्ड पर रखा और बोला चाट साली तेरी चूत का पानी भी चाट के साफ़ किया है मैंने, अब तू कर मेरे लण्ड का रस।  अपना पूरा लण्ड उस से चाट चाट कर साफ़ करवाया और उसके बाल पकड़ कर उसे अपने बगल में खींच कर लेटा दिया और बोला खुश तू साली रंडी अब।  जो नहीं करना चाहता था वो करवा ही दिया तूने मुझसे। 

वो उठ कर मेरे ऊपर आयी और मेरे होंठ को चुम कर बोली हाँ मेरी जान खुश हूँ मै।  अब प्लीज , बेशक मुझसे प्यार न कर पर एक रंडी समझ कर ही मुझे चोदते रहना , मैं कसम खाती हूँ कभी किसी और को हमारे बारे मैं नहीं पता चलेगा।  तू चाहे तो मैं तुझे पैसे भी दिया करुँगी पर मुझे चोदते रहना प्लीज।  मैंने भी उसे चूमा और बोला कोई बात नहीं मेरी रंडी , मैं तुझे खुश रखूँगा तू मेरे भाई को खुश रखना बस।  इतना बोल कर हम वैसे ही नंगे लेट गए।  शाम तक हम दोनों घर में अकेले थे और उस दिन ३ बार हमने चुदाई की। 

आज एक साल से ज्यादा हो गया उस बात को और उस दिन के बाद से हमारे परिवार में सब खुश है।  वो शायद मेरी गलती थी ही नहीं , मेरे लण्ड की वजह से ही आज मेरा भाई , भाभी और पूरा परिवार खुश है।  
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